वाइस इंजीनियर आर जे लाइन की किताब “कोशिश करके देख” का अद्भुत कल सोज़त। देश के अलग-अलग परिदृश्यों से अलग-अलग संत और वयोवृद्ध लेखक अपनी-अपनी अपील का चित्र तोड़ते हैं, उनमें से एक हटकर इस बार दिल्ली के महसूर सुप्रसिद्ध रेडियो जॉकी, वॉयस आर्टिस्ट और टीवी एंकर आर जे लाइन के द्वितीय काव्य पुस्तक “कोशिश” देखकर देखो” का है। ऐतिहासिक कल होने जा रहा है लोगों को काफी समय से अलग-अलग तरह के रिव्यू का इंतजार था वो कई ना कई मूल्यवान कल खत्म हो गए थे क्या आपने भी पहले कहा था कि आर. रेखा ने अपनी पहली पुस्तक “मुझसे कहा तो” का प्रकाशन 11 मार्च 2023 को किया था जिसमें अभिनेता राकेश बेदी, संदीप जे मारवाह फिल्म सिटी के संस्थापक, लक्ष्मी शंकर वाजपेई, सुरेश, नीरज जैसे साहित्य जगत के नामी सितारे शामिल थे। काफी पसंद किया गया एफ. एम. सोना और बीबीसी से जुड़े आर. उन्होंने अपने साक्षात्कार में कुछ ना कुछ छिपाते हैं और जे लाइन का मानना है कि साहित्य समाज का दर्पण होता है। यात्रा साहित्य में गंभीर विषय है। उन्होंने कहा कि हम सामाजिक प्राणी हैं, हमारा भी कर्तव्य है कि हम सामने आएं। साहित्य की मूल भूमिका अपने समय और समाज की रूढ़ियों, ईसाइयों और कुरीतियों का प्रतिरोध करना है। साहित्य यह काम-जागरुक के रूप में नहीं बल्कि स्वभाव के रूप में होता है; ऐसा लगता है कि यहां साहित्य अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाह नहीं कर रहा है। समाज की रूढ़ियों का विरोध करने की जगह अब वह लगभग अपना रुख बना रही है। यानि हमारे सामाजिक-राजनीतिक वातावरण में जो गिरावट की प्रवृत्तियाँ हावी हैं वे सामाजिक परिवेश का भी प्रतिष्ठित अंग बन रहे हैं। बाजार बाजार और कट्टरपंथियों का प्रतिरोध करने की जगह साहित्य का क्षेत्र स्वयं बाजार के डिजाइन से संचालित होने लगा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण अंग्रेजी में है, बाइबिल से लेकर फल-फूल रही पुस्तक, साहित्य की संस्कृति तक।

2,563 1 minute read